(नागपत्री एक रहस्य-36)
कॉलेज मैं नए एडमिशन के साथ ही सीनियर जूनियर का भेदभाव साफ देखने में आ रहा था, कुछ बच्चों के मन में उल्लास था कॉलेज में एडमिशन को लेकर, तो साथ ही साथ कुछ को डर भी था, सीनियर्स द्वारा सताए जाने के किस्से सुनकर और शायद इन बातों से लक्षणा का कॉलेज भी अछूता नहीं था।
यहां पर भी उन बिगड़ैल औलादो की कमी नहीं थी, जो मां बाप के पैसों को अपनी विरासत समझ कर समय और धन बर्बाद करने के साथ ही साथ कोई कसर नहीं छोड़ते थे।
एक ही कक्षा में दो-तीन साल बिताने वाले अपने आप को सीनियर बताते यह आश्चर्य की बात है, लेकिन जो भी हो शायद इस बार उनका सामना लक्षणा से होने जा रहा था, लक्षणा ने अपने पिताजी से कह कर अपने मनचाहे कॉलेज में अपना एडमिशन कराया, क्योंकि उनकी बाकी सखियों ने भी उसी कॉलेज में एडमिशन करवाया था।
उनके पिता जी ने बार-बार समझाया कि वह इससे भी अच्छे कॉलेज में उनका एडमिशन करवा देंगे, लेकिन लक्षणा तो जैसे अतिरिक्त खर्च और बेफिजूल के दिखावे से बहुत दूर रहती थी, इसलिए उसने किसी बड़े कॉलेज की अपेक्षा उस सरकारी कॉलेज को चुना जो सभी सामान्य जनों की सोच में था।
लक्षणा के जैसी ही कुछ ऐसी ही सोच उनकी बाकी सहेलियों की भी थी, जो अच्छे परिवार से होने के बावजूद लक्षणा की तरह सोचते थे, लेकिन दिखावा और बेकार की पूहड़बाजी उन्हें भी पसंद नहीं थी।
वे तीनों सहेलियां "आरोही पलक और लक्षणा" की दोस्ती बचपन से स्कूल के समय से ही प्रसिद्ध सहेलियां थी, वे तीनों धनी परिवार से तो थी ही, लेकिन इस बात का घमंड कभी भी उन लोगों ने नहीं दिखाया, जब तक कि कोई उन्हें छोड़ ना दे, और बेखौफ होकर विचरण उनकी सबसे बड़ी खासियत थी,
और उन्हें किसी भी प्रकार का दिखावा तो पसंद नहीं था।
लेकिन एक बात जरूर थी, कि वह किसी को तब तक परेशान नही करते थे, जब तक कोई खुद का आमना सामना करने ना आए, और ठीक अपने इन्हीं गुणों के कारण उन्हें आज भी कॉलेज जाने में किसी भी प्रकार की कोई घबराहट नहीं होती।
लेकिन जिन बच्चों को पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं, जो कॉलेज को अपने लिए मस्तिष्क का एक अड्डा समझते हैं उनका क्या कहना , ऐसे ही नकचढ़ो में कमल नाम का लड़का जो अपने कुछ दोस्तों और कुछ लड़कियों के साथ किसी शिकार के इन्तजार में बैठा ही था।
लक्षणा, आरोही और पलक को सामने से आता देख कमल भारी खुश हुआ, क्योंकि तीनों ही शालीनता के कारण अलग से सीधी सादी जान पड़ती थी, उनके पास आते ही कमल जो अब तक एक ऊंचे टीले पर बैठा था, नीचे आया और कहने लगा
मैडम लोगों को नमस्कार , आप सभी कहां से आ रहे हैं??
क्या हमें परिचय नहीं दोगी??
उस लड़के की बात सुन वे तीनों ने अनसुना किया, और चुपचाप अपने रास्ते से जाने लगी, लेकिन फिर वह लड़का तेजी से जाकर उनके सामने खड़ा हो गया और कहने लगा कि क्या तुम्हें सुनाई नहीं देता है या जानबूझकर अनसुना कर रही हो।
लेकिन फिर भी वे तीनों ने उस लड़के का कोई जवाब नहीं दिया, अब कमल के सारे दोस्त भी कमल के पास आकर खड़े हो गए, और वे तीनों को कहने लगे कि तुम हमें जानते नहीं हो कि हम कौन हैं ??
क्या तुम तीनों ने कभी रैगिंग शब्द नहीं सुना, हम तुम्हारे लिए सीनियर है, इसलिए हम लोग जो भी तुमसे पूछेंगे उसका जवाब देना होगा।
सबसे पहले तुम तीनों सर झुका कर हम सारे दोस्तों को गुड मॉर्निंग बोलो, तब लक्षणा आरोही और पलक को गुस्सा आने लगा, लेकिन वे अपने गुस्से को मन ही मन कंट्रोल करने में लगी हुई थी, वे तीनों कुछ ना बोली और उन्होंने कहा कि हमें जाने दो हमें कॉलेज के लिए लेट हो रहा है।
लेकिन वे भला कहां मानने वाले थे, उनको तो पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब ही नहीं था, उन्होंने कहा कि नहीं तुम्हें अपने सीनियर्स के नियमों का पालन करना ही पड़ेगा, तुम्हें हमें सर झुका कर गुड मॉर्निंग बोलना ही पड़ेगा, तभी हम तुम तीनों को जाने देंगे।
तब आरोही पलक और लक्षणा ने कहा कि हम इसकी कंप्लेंट प्रिंसिपल सर से जाकर करेंगे, तब तो कमल और ज्यादा उन तीनों से चिढ़ गया और मन ही मन उसे बहुत गुस्सा आने लगा, और उसने कहा कि अब देखना मैं इन तीनों का क्या हाल करने वाला हुं।।
वे तीनों वहां से जाकर प्रिंसिपल सर के आफिस में जाकर कमल की कंप्लेंट करते हैं, तब प्रिंसिपल सर कमल और उसके दोस्तों को अपने ऑफिस में बुलाकर बहुत डांटते हैं, और कहते कि अगर आज के बाद तुम लोग रैगिंग करते हुए दिखे तो तुम सबको इस कॉलेज इसे सस्पेंड कर दिया जाएगा।
अब तो कमल को और ज्यादा गुस्सा आता है, वह सोचता है कि मैने यहां आज तक इतने सारे स्टूडेंट की रैगिंग ली, लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि कमल के खिलाफ कुछ करे और इन तीनों ने आज मेरी कंप्लेंट जाकर प्रिंसिपल सर से कर दी, अब तो मैं चाहे जो हो इसका बदला इन तीनों लड़कियों से लेकर ही रहूंगा।
वही आरोही पलक और लक्षणा तीनों अपने क्लास रूम में जाकर फर्स्ट बेंच की सीट पर तीनों साथ में जाकर बैठ गई, वे तीनों बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थीं।
तभी कमल भी उन्हीं के क्लास में आता हैं , वे तीनों को कमल घूर के देखता है काफी समय तक, और ये तीनों भी कमल को देखते ही बोलती है कि यह तो अपने आप को सीनियर बता रहा था, लेकिन यह तो अपनी ही क्लास में है, कहकर वे मुस्कुराने लगी।
तभी उन्होंने वही पास बैठी एक दूसरी लड़की से कमल के बारे में पूछा, तब उस लड़की ने कहा कि यह पुरे तीन बार फेल हो चुका है , इसलिए इसी क्लास में है, लेकिन फिर भी अपने आप को सीनियर्स बताता है।
कमल का तो कभी पढ़ाई लिखाई में मन ही नहीं लगा, उसने शुरू से ही सारे बच्चों को बस परेशान करने का ही काम किया, लेकिन इस बार उसका सामना आरोही पलक और खासकर लक्षणा से हुआ है, तो क्या वह उन लोगों की रैगिंग लेने में सफल हो पाएगा या लक्षणा अब कमल को अपना कोई नया रूप दिखाएगी????
क्रमशः...